Gleb Mute - место жительства и мобильный номер
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Фотографии:
15 фото 18% (+3)
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Друзья:
720 друзей 24% (-173)
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Посещение:
4 ноя в 17:12
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ID:
270251290
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Дата рождения:
16.09
Популярность 87%
- Описание профиля
- Статус
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Анализ профиля Gleb Mute 16 сентября в ВКонтакте дает понимание его жизни в Los Angeles. От альбомов с фото и видео до обсуждения последних статусов и отзывов, узнайте всю информацию, которую вы хотите знать о его интересах и друзьях.
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Фотографии / 15
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Основная информация
Домен
whocv
Имя
Gleb
Фамилия
Mute
Пол
мужской
Родной город
who???
Контактная информация
Страна
США
Город
Los Angeles
Сайт
बन्दर और दो बिल्लियाँ किसी गाँव में एक किसा&a
Личная информация
Работа
बन्दर और दो बिल्लियाँ किसी गाँव में एक किसा&a
Интересы
बन्दर और दो बिल्लियाँ किसी गाँव में एक किसान रहता था| उसके घर में दो बिल्लियाँ थीं | एक का नाम था पूसी और दूसरी का नाम था मानो | एक दिन दोनों बाग को जा रही थीं | उनको एक रोटी पड़ी मिली | वे दोनों उसे उठाकर बाग में ले गई | दोनों बिल्लियों ने रोटी के दो टुकड़े कर लिये | दोनों ने एक-एक टुकड़ा ले लिया | पूसी बोली —- मेरा टुकड़ा छोटा है | तेरा टुकड़ा बड़ा है | दोनों बिल्लियाँ आपस में झगड़ने लगीं | इतने में वहाँ एक बन्दर आया | कहने लगा —- बहनो क्या बात है ? क्यों आपस में लड़ रही हो ? जब बन्दर को बात का पता लगा तो उसने कहा —- बहनो मैं बराबर-बराबर रोटी बाँटकर तुम्हारा फ़ैसला कर दूँ | बन्दर एक तराज़ू ले आया | उसने रोटी का एक टुकड़ा एक पलड़े में डाला | दूसरा टुकड़ा दूसरे पलड़े में डाला |बन्दर और दो बिल्लियाँ किसी गाँव में एक किसान रहता था| उसके घर में दो बिल्लियाँ थीं | एक का नाम था पूसी और दूसरी का नाम था मानो | एक दिन दोनों बाग को जा रही थीं | उनको एक रोटी पड़ी मिली | वे दोनों उसे उठाकर बाग में ले गई | दोनों बिल्लियों ने रोटी के दो टुक
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बन्दर और दो बिल्लियाँ किसी गाँव में एक किसान रहता था| उसके घर में दो बिल्लियाँ थीं | एक का नाम था पूसी और दूसरी का नाम था मानो | एक दिन दोनों बाग को जा रही थीं | उनको एक रोटी पड़ी मिली | वे दोनों उसे उठाकर बाग में ले गई | दोनों बिल्लियों ने रोटी के दो टुकड़े कर लिये | दोनों ने एक-एक टुकड़ा ले लिया | पूसी बोली —- मेरा टुकड़ा छोटा है | तेरा टुकड़ा बड़ा है | दोनों बिल्लियाँ आपस में झगड़ने लगीं | इतने में वहाँ एक बन्दर आया | कहने लगा —- बहनो क्या बात है ? क्यों आपस में लड़ रही हो ? जब बन्दर को बात का पता लगा तो उसने कहा —- बहनो मैं बराबर-बराबर रोटी बाँटकर तुम्हारा फ़ैसला कर दूँ | बन्दर एक तराज़ू ले आया | उसने रोटी का एक टुकड़ा एक पलड़े में डाला | दूसरा टुकड़ा दूसरे पलड़े में डाला |बन्दर और दो बिल्लियाँ किसी गाँव में एक किसान रहता था| उसके घर में दो बिल्लियाँ थीं | एक का नाम था पूसी और दूसरी का नाम था मानो | एक दिन दोनों बाग को जा रही थीं | उनको एक रोटी पड़ी मिली | वे दोनों उसे उठाकर बाग में ले गई | दोनों बिल्लियों ने रोटी के दो टुक
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Любимые цитаты
बन्दर और दो बिल्लियाँ
किसी गाँव में एक किसान रहता था| उसके घर में दो बिल्लियाँ थीं | एक का नाम था पूसी और दूसरी का नाम था मानो |
एक दिन दोनों बाग को जा रही थीं | उनको एक रोटी पड़ी मिली | वे दोनों उसे उठाकर बाग में ले गई |
दोनों बिल्लियों ने रोटी के दो टुकड़े कर लिये | दोनों ने एक-एक टुकड़ा ले लिया | पूसी बोली —- मेरा टुकड़ा छोटा है | तेरा टुकड़ा बड़ा है | दोनों बिल्लियाँ आपस में झगड़ने लगीं |
इतने में वहाँ एक बन्दर आया | कहने लगा —- बहनो क्या बात है ? क्यों आपस में लड़ रही हो ?
जब बन्दर को बात का पता लगा तो उसने कहा —- बहनो मैं बराबर-बराबर रोटी बाँटकर तुम्हारा फ़ैसला कर दूँ |
बन्दर एक तराज़ू ले आया | उसने रोटी का एक टुकड़ा एक पलड़े में डाला | दूसरा टुकड़ा दूसरे पलड़े में डाला |बन्दर और दो बिल्लियाँबन्दर और दो बिल्लियाँ
किसी गाँव में एक कि
О себе
बन्दर और दो बिल्लियाँ
किसी गाँव में एक किसान रहता था| उसके घर में दो बिल्लियाँ थीं | एक का नाम था पूसी और दूसरी का नाम था मानो |
एक दिन दोनों बाग को जा रही थीं | उनको एक रोटी पड़ी मिली | वे दोनों उसे उठाकर बाग में ले गई |
दोनों बिल्लियों ने रोटी के दो टुकड़े कर लिये | दोनों ने एक-एक टुकड़ा ले लिया | पूसी बोली —- मेरा टुकड़ा छोटा है | तेरा टुकड़ा बड़ा है | दोनों बिल्लियाँ आपस में झगड़ने लगीं |
इतने में वहाँ एक बन्दर आया | कहने लगा —- बहनो क्या बात है ? क्यों आपस में लड़ रही हो ?
जब बन्दर को बात का पता लगा तो उसने कहा —- बहनो मैं बराबर-बराबर रोटी बाँटकर तुम्हारा फ़ैसला कर दूँ |
बन्दर एक तराज़ू ले आया | उसने रोटी का एक टुकड़ा एक पलड़े में डाला | दूसरा टुकड़ा दूसरे पलड़े में डाला |बन्दर और दो बिल्लियाँबन्दर और दो बिल्लियाँ
किसी गाँव में एक कि
Жизненная позиция
Мировоззрение
बन्दर और दो बिल्लियाँ किसी गाँव में एक किसा&a
Главное в жизни
личное развитие
Главное в людях
состояние и власть
Отношение к курению
положительное
Отношение к алкоголю
положительное
Вдохновляют
बन्दर और दो बिल्लियाँ किसी गाँव में एक किसान रहता था| उसके घर में दो बिल्लियाँ थीं | एक का नाम था पूसी और दूसरी का नाम था मानो | एक दिन दोनों बाग को जा रही थीं | उनको एक रोटी पड़ी मिली | वे दोनों उसे उठाकर बाग में ले गई | दोनों बिल्लियों ने रोटी के दो टुकड़े कर लिये | दोनों ने एक-एक टुकड़ा ले लिया | पूसी बोली —- मेरा टुकड़ा छोटा है | तेरा टुकड़ा बड़ा है | दोनों बिल्लियाँ आपस में झगड़ने लगीं | इतने में वहाँ एक बन्दर आया | कहने लगा —- बहनो क्या बात है ? क्यों आपस में लड़ रही हो ? जब बन्दर को बात का पता लगा तो उसने कहा —- बहनो मैं बराबर-बराबर रोटी बाँटकर तुम्हारा फ़ैसला कर दूँ | बन्दर एक तराज़ू ले आया | उसने रोटी का एक टुकड़ा एक पलड़े में डाला | दूसरा टुकड़ा दूसरे पलड़े में डाला |